देहरादून। आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद यूकॉस्ट, विज्ञान धाम में साप्ताहिक विज्ञान उत्सव के उद्घाटन सत्र का आयोजन किया गया । यह साप्ताहिक कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, विज्ञान प्रसार (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग), नेशनल अकेडमी ऑफ़ साइंसेज उत्तराखंड अध्याय और यूकॉस्ट के सहयोग से 22 से 28 फरवरी 2022 तक मनाया जायेगा इसकी मुख्य थीम है विज्ञान सर्वत्र पूज्यते।
कार्यक्रम की शुरुआत विज्ञान प्रदर्शनी के उद्घाटन से हुई जो सप्ताह भर चलेगी। इस विज्ञान प्रदर्शनी में विभिन्न वैज्ञानिक संस्थान, पुस्तक प्रकाशक, सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण एवं शोध संस्थानों ने प्रतिभाग किया और अपने कार्य से सबको अवगत कराया। पदम्श्री प्रोफेसर आर सी सोबती (पूर्व कुलपति पंजाब विश्वविद्यालय) इस उद्घाटन सत्र के मुख्य अथिति रहे। डॉ डी पी उनियाल, संयुक्त निदेशक ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन वैज्ञानिक चेतना के विस्तार के लिए बहुत आवश्यक होते हैं। डॉ डोभाल ने कहा की विद्यार्थियों को किताबें पढ़नी चाहिए और वैज्ञानिको की जीवनशैली का अध्ययन करना चाहिए। अपने उद्बोधन में उन्होंने विज्ञान संचार और विज्ञान लोकव्यापीकरण के महत्व पर बात की। अपने व्याख्यान में मुख्य अतिथि प्रोफेसर सोबती ने जैव चिकित्सा विज्ञान का प्रौद्योगिकीकरण पर विस्तृत व्याख्यान दिया गया। उन्होंने जीन एडिटिंग, जैव विविधता, पारम्परिक पद्धतियां और विज्ञान के अध्ययन और महत्व पर बात की। प्रोफेसर एऐन पुरोहित ने अपने व्याख्यान में कहा कि विज्ञान सर्वत्र प्रयोगते का हम पालन कर रहे हैं और शिक्षण संसथान विज्ञान के केंद्र होने चाहिए। इस अवसर पर डॉ राजेंद्र डोभाल, महानिदेशक यूकॉस्ट , डॉ ऐ. ऐन. पुरोहित (पूर्व कुलपति गढ़वाल विश्वविद्यालय), डॉ बी आर अरोरा (पूर्व निदेशक वडिआ इंस्टिट्यूट ऑफ़ हिमालयन जियोलॉजी ), यूकॉस्ट और बायोटेक कॉउन्सिल का समस्त स्टाफ, वैज्ञानिक और विभिन्न शिक्षण संस्थाओं डी आई टी, ग्राफ़िक एरा , बी ऍफ़ आई टी आदि के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम उत्तराखंड में देहरादून, श्रीनगर और हरिद्वार मेंआयोजित किया गया जिसमे राज्य के विभिन्न स्थानों से लगभग 250 छात्र और छात्राओं ने ऑनलाइन और ऑफलाइन (हाइब्रिड) मोड से प्रतिभाग किया। उद्घाटन सत्र में विज्ञान सम्बन्धी एक फिल्म की स्क्रीनिंग का आयोजन भी किया गया । डॉ अपर्णा शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, यूकोस्ट, देहरादून ने सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों का धन्यवाद दिया।