देहरादून। ‘हार्ट फेलियर’ एक डरावना शब्द है। आजकल युवाओं में भी हार्ट फेलियर के मामले बढ़ रहे हैं। अनियमित व अस्वस्थ जीवन शैली में कम उम्र के लोग भी इसकी जद में आ चुके हैं।
चिकित्सक इसकी वजह शारीरिक गतिविधियों की कमी, तनाव, चिंता, मोटापा और खराब खानपान को बताते हैं। उनका मानना है कि हार्ट फेलियर के जोखिम को कम करने और एक अच्छी जीवन शैली के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में इंटरवेंशनल कार्डियोलाजी के प्रमुख डा. सलिल गर्ग ने बताया कि हार्ट फेलियर या कंजेस्टिव हार्ट फेलियर तब होता है जब हृदय की मांसपेशी रक्त को उतनी अच्छी तरह से पंप नहीं करती जितनी उसे करनी चाहिए।
कुछ स्थितियां, जैसे कि संकुचित धमनियां (कोरोनरी धमनी रोग) या उच्च रक्तचाप, धीरे-धीरे हृदय को इतना कमजोर या कठोर बना देती हैं कि वह कुशलता से भर और पंप नहीं कर पाता।वर्तमान समय में काम की अधिकता के कारण स्वास्थ्य को कई बार लोग नजरअंदाज कर देते हैं। खाने-पीने का कोई निश्चित समय न होना, बाहर के खाने को ज्यादा अहमियत देना, ज्यादा तनाव, धूमपान, शराब पीना, शारीरिक असक्रियता हार्ट फेलियर का कारण बन सकते हैं।
इसके अलावा, कुछ शारीरिक समस्याएं जैसे कि हार्ट वाल्व का खराब होना, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और कोरोनरी आर्टरी डिजीज से भी ये परेशानी हो सकती है।
उन्होंने बताया कि हार्ट फेलियर के उपचार के विकल्पों में से एक को कार्डिएक रीसिंक्रनाइजेशन थेरेपी (सीआरटी) कहा जाता है। यह चिकित्सकीय रूप से सिद्ध उपचार है और हृदय की कार्यक्षमता में सुधार करने में मदद कर सकता है।
एक सीआरटी डिवाइस दिल के दोनों निचले कक्षों में छोटे विद्युत आवेग भेजता है, ताकि उन्हें अधिक सिंक्रनाइज पैटर्न में एक साथ हराने में मदद मिल सके। यह आपके शरीर में रक्त और आक्सीजन को पंप करने की हृदय की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।हालांकि, प्रक्रिया को चुनने से पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना अनिवार्य है क्योंकि इसकी आवश्यकता केवल मध्यम से गंभीर लक्षणों वाले लोग में ही हो सकती है। दो प्रकार के सीआरटी उपकरणों में कार्डिएक रीसिंक्रनाइजेशन थेरेपी पेसमेकर (सीआरटी-पी) और एक कार्डिएक रीसिंक्रनाइजेशन थेरेपी डिफिब्रिलेटर (सीआरटी-डी) शामिल हैं।दिल का रखें ख्याल
ब्लड प्रेशर और ब्लड ग्लूकोज जैसी जरूरी चीजों को नियंत्रण में रखें। इन स्थितियों के पारिवारिक इतिहास वाले लोग को विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए।
धूमपान और शराब पीना छोड़ दें। जहां तक हो सके सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने से बचें।
फल, सब्जियां, स्वस्थ वसा और साबुत अनाज से भरपूर आहार लें। सोडियम और चीनी का सेवन सीमित करें, क्योंकि यह हृदय की समस्याओं को बढ़ाने में सबसे प्रमुख है।
प्रतिदिन लगभग 30 मिनट तक नियमित रूप से व्यायाम करें। यह आपकी हृदय गति को बढ़ाने और रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करेगा।
हमेशा स्वस्थ वजन बनाए रखें। अधिक वजन वाले लोग को अतिरिक्त किलो कम करने का लक्ष्य रखना चाहिए।