देहरादून- मुख्य सूचना आयुक्त श्री अनिल चन्द्र पुनेठा जी ने एक प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करते हुए दो टूक शब्दों में खन्डन करते हुए यह स्पष्ट किया कि उनके द्वारा इस प्रकार का कोई निर्देश नहीं दिया गया है जिसमें अनावश्यक सूचना मांगने वालों को चिन्हित करने की बात कही गई हो।
लघु समाचार पत्र एसोसिएशन के बैनर तले एक प्रतिनिधिमंडल ने आज मा. मुख्य सूचना आयुक्त को एक ज्ञापन दिया गया था जिसमें “दैनिक जागरण, देहरादून मे 19/06/2022” प्रकाशित एक खबर के सम्बन्ध में विरोध जताया गया था।
दरअसल प्रकाशित खबर में अन्य तथ्यों के अलावा यह भी कहा गया था कि मा मुख्य सूचना आयुक्त ने अनावश्यक सूचना मांगने वालों को चिन्हित करने का निर्देश दिया है।
A-सूचना अधिकार अधिनियम मे नहीं है ऐसा कोई प्रावधान:- सूचना अधिकार अधिनियम देश के प्रत्येक नागरिक को इच्छित सूचना मांगने का अधिकार देता है। अधिनियम की धारा 6(2) मे आवेदक से पता के सिवाय “कारण” जैसी जानकारी मांगने से प्रतिबंधित करता है। इसी आधार पर ज्ञापन मे विरोध व्यक्त किया गया था।
B- मा मुख्य सूचना आयुक्त ने खबर में लिखे तथ्यों से जताई असहमति :- मा मुख्य सूचना आयुक्त ने प्रतिनिधिमंडल से वार्ता मे स्पष्ट किया कि उनके द्वारा इस तरह का कोई निर्देश नहीं दिया गया है। बैठक मे कुछ अधिकारियों ने इस तरह की बात उठाई जरुर थी लेकिन उनके द्वारा ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है। यह खबर गलत तथ्यों पर प्रकाशित की गई है।
C-अधिनियम में नहीं है ऐसा कोई प्रावधान- मा विपिन चन्द्र :- इस अवसर पर राज्य सूचना आयुक्त मा विपिन चन्द्र ने कहा कि अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार आवेदक से कारण, वजह, आवश्यकता जैसे तथा नहीं पूछे जा सकते हैं।
D- दैनिक जागरण के सम्पादक को पत्र लिखने की मांग की प्रतिनिधिमंडल ने ‘- दैनिक जागरण की इस खबर से सूचना अधिकार के आवेदको के विरुद्ध सरकारी कार्यालयों में गलत संदेश चला गया है। प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि आयोग के द्वारा दैनिक जागरण के सम्पादक को सही तथ्यों के उल्लेख के साथ पत्र भेजा जाए।
प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से पत्रकार सुरेन्द्र अग्रवाल, बिजेंद्र कुमार यादव, प्रतीक पाठक सहित आधा दर्जन पत्रकार शामिल थे।