मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तराखण्ड के विद्युत लोकपाल सुभाष कुमार, मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द वर्द्धन, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगोली, आर मीनाक्षी सुन्दरम सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं की लगातार मॉनिटरिंग की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं को असुविधा या परेशानी का सामना न करना पड़े। पंजीकरण की व्यवस्था में जरूरत होने पर और सुधार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने राज्य के वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने के लिए गम्भीरता से प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। यह देखा जाए कि किन किन सेक्टर से वित्तीय संसाधन जुटाए जा सकते हैं। ऊर्जा के क्षेत्र में जलविद्युत् संसाधन महत्वपूर्ण है। सोलर सेक्टर पर भी फोकस किया जाए। बिजली में लाईन एंड लॉस भी कम किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। उनके मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड के लिये बहुत सी महत्वपूर्ण विकास योजनाएं स्वीकृत हुई हैं और इन पर तेजी से काम भी हुआ है। केंद्रीय योजनाओं के संबंध में केंद्रीय अधिकारियों से समन्वय को और बेहतर बनाया जाए। इनमें राज्य स्तर से कोई विलम्ब नहीं होना चाहिए।
देहरादून, पंतनगर व पिथौरागढ़ एयरपोर्ट के विस्तार के लिए औपचारिकताओं को तेजी से पूरा किया जाए। पर्वतीय क्षेत्रों में मार्गों के सुधारीकरण के साथ ही पार्किंग व्यवस्था में भी सुधार किये जाने की आवश्यकता है। नये पार्किंग स्थलों का विकास किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सड़क मार्गों का सुधारीकरण व सुदृढ़ीकरण किया जाए। मायावती आश्रम, पाताल भुवनेश्वर, हिंगला देवी आदि पौराणिक स्थलों के सम्पर्क मार्गो का सुधार प्राथमिकता से किया जाए। अलकनंदा होटल के प्रबंधन को बेहतर बनाने की कार्य योजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा की सीएम सचिवालय में फाइलों के निस्तारण के लिये समय सीमा निर्धारित की जाए और उसका अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने जमरानी बांध, राष्ट्रीय राजमार्गों व प्रदेश में कानून व्यवस्था की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था के लिये पेट्रोलिंग को बढ़ाने और मुखबिर तंत्र को और मजबूत करने के निर्देश दिये। राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार और प्रसार किया जाए।