देहरादून। भाजपा के स्थापना दिवस से लेकर 20 अप्रैल तक चलाये जारहे सामाजिक न्याय पखवाड़े के अंर्तगत रविवार को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नवीन ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के प्रति समर्पित है। देश का किसान आज खुशहाल है और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है किसानों को उनका पूरा हक मिल रहा है। नवीन ठाकुर ने कहा की केंद्र सरकार ने तमाम ऐसी महत्वपूर्ण योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जिससे देश के किसानों को सीधा लाभ हो रहा है। किसानों को पहले की अपेक्षा अधिक मुनाफा कृषि क्षेत्र में हो रहा है। किसानों को फसलों के उचित मूल्य मिल रहे हैं।
नई नई कृषि तकनीकों से किसानों के लिये कृषि सुगम हो रही है। नवीन ठाकुर ने कहा की केंद्र सरकार ने सबसे ज्यादा कृषि बजट को बढ़ाया है जिससे स्पष्ट होता है की मोदी सरकार किसानों की कितनी हितैषी है। नवीन ठाकुर ने कहा की केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिये संचालित किसान सम्मान निधि योजना के तहत 11.78 करोड़ किसानों को लगभग 1.82 लाख करोड़ रुपये की राशि किसानों को हस्तांतरित की गई है साथ ही देश के किसानों को स्वास्थ्य हेल्थ कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा योजना, उेच कृषि इंफ्रा स्ट्रक्चर, प्रति बोरी क्।च् सब्सिडी, किसान मान धन योजना, प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान, किसान सम्पदा योजना, खाद्य सब्सिडी, धान, खरीफ, गन्ना आदि तमाम बहुउपयोगी योजनाओं से देश के किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। वहीं नवीन ठाकुर ने बताया की केंद्र सरकार द्वारा 2022 बजट में क्या क्या खास घोषणाएं किसानों के लिये की गई हैं। साथ ही उन्होंने बताया की बजट 2022 में किसानों के लिए हुई खास घोषणाओं में रबी 2021-22 में गेहूं की खरीद व खरीफ 2021-22 में धान की अनुमानित खरीद में 163 लाख किसानों से 1208 लाख मीट्रिक टन गेहूं एवं धान शामिल होगा और एमएसपी मूल्य के 2.37 लाख करोड़ रुपए का भुगतान सीधा किसानों के खाते में किया जाएगा। साथ ही पीपीपी मोड में एक नई योजना शरू की जाएगी जिसके तहत किसानों को डिजिटल और हाइटेक सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसंधान और विस्तार संस्थाओं केhttps://googleads.g.doubleclick.net/pagead/ads?client=ca-pub-2624758342204781&output=html&h=280&adk=3803867693&adf=350787389&pi=t.aa~a.2917124493~i.3~rp.1&w=620&fwrn=4&fwrnh=100&lmt=1649603376&num_ads=1&rafmt=1&armr=3&sem=mc&pwprc=3435070108&psa=1&ad_type=text_image&format=620×280&url=https%3A%2F%2Fgadhsamvedna.com%2Funder-the-leadership-of-pm-modi-the-farmers-of-the-country-are-getting-happy-there-is-a-pleasant-atmosphere-in-the-agriculture-sector-naveen-thakur%2F&fwr=0&pra=3&rh=155&rw=620&rpe=1&resp_fmts=3&wgl=1&fa=27&uach=WyJXaW5kb3dzIiwiMTAuMC4wIiwieDg2IiwiIiwiMTAwLjAuNDg5Ni43NSIsW10sbnVsbCxudWxsLCI2NCIsW1siIE5vdCBBO0JyYW5kIiwiOTkuMC4wLjAiXSxbIkNocm9taXVtIiwiMTAwLjAuNDg5Ni43NSJdLFsiR29vZ2xlIENocm9tZSIsIjEwMC4wLjQ4OTYuNzUiXV0sZmFsc2Vd&tt_state=W3siaXNzdWVyT3JpZ2luIjoiaHR0cHM6Ly9wYWdlYWQyLmdvb2dsZXN5bmRpY2F0aW9uLmNvbSIsInN0YXRlIjoyMSwiaGFzUmVkZW1wdGlvblJlY29yZCI6ZmFsc2V9XQ..&dt=1649603359117&bpp=15&bdt=1524&idt=15&shv=r20220406&mjsv=m202203300101&ptt=9&saldr=aa&abxe=1&cookie=ID%3Da6a4ff7446dc4959-222a7806ead100c4%3AT%3D1649603248%3ART%3D1649603248%3AS%3DALNI_MbNtok2Lr4sG7Ctmq4OKt2M2_HIsQ&prev_fmts=0x0%2C1160x280&nras=2&correlator=6611755937535&frm=20&pv=1&ga_vid=321760877.1649603239&ga_sid=1649603359&ga_hid=340830370&ga_fc=1&u_tz=330&u_his=1&u_h=864&u_w=1536&u_ah=824&u_aw=1536&u_cd=24&u_sd=1.25&dmc=8&adx=184&ady=1186&biw=1528&bih=722&scr_x=0&scr_y=0&eid=44759876%2C44759927%2C44759837%2C42530528%2C31065544%2C21067496%2C31062931&oid=2&pvsid=3442617496705267&pem=16&tmod=1570153057&uas=0&nvt=1&ref=https%3A%2F%2Fgadhsamvedna.com%2Fcategory%2Futtarakhand%2F&eae=0&fc=1408&brdim=0%2C0%2C0%2C0%2C1536%2C0%2C0%2C0%2C1536%2C722&vis=1&rsz=%7C%7Cs%7C&abl=NS&fu=128&bc=31&ifi=3&uci=a!3&btvi=1&fsb=1&xpc=GDHmZDXtEt&p=https%3A//gadhsamvedna.com&dtd=17565
साथ-साथ निजी कृषि प्रौद्योगिकी कंपनियां और कृषि मूल्य श्रृंखला के हितधारक शामिल होंगे। साथ ही सह-निवेश मॉडल के अतंर्गत सजिृत मिश्रित पूंजीयकृत कोष के लिए नाबार्ड से सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही 44,605 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से केन-बेतवा लिकं परियोजना को लागू किया जाएगा इस योजना का उद्देश्य 9.08 लाख हेक्टेयर कृषि भमिू में सिंचाई की सविुधा उपलब्ध कराना है। यह परियोजना 62 लाख लोगों के लिए पेयजल की आपर्तिू करने के अलावा 103 मेगावाट हाइड्रो और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा भी उपलब्ध कराएगी। साथ ही कृषि फसलों का आकलन करने, भमिू दस्तावेजों का डिजिटीकरण करने, कीटनाशकों और पोषक तत्वों का छिड़काव करने के लिए ‘किसान ड्रोन्स’ के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। बजट में रसायनों का उपयोग न करके प्राकृतिक खेती पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है। देशभर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा जिसके प्रथम चरण में गंगा नदी से सटे पांच किमी चौड़े गलियारों के अंतर्गत आनेवाली किसानों की जमीनों पर विशषे ध्यान दिया जाएगा। साथ ही बजट में फसल के उपरान्त मूल्य संवर्धनर्ध , घरेलूखपत को बढ़ाने तथा मोटे अनाज उत्पादों की घरेलू और अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड्रिगं करने के लिए प्रावधान किया गया है। साथ ही तिलहनों के आयात पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए तिलहनों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से एक तर्कसंगत और व्यापक योजना लागू की जाएगी। फलों और सब्जियों की उपयुक्त किस्मों को अपनाने तथा उत्पादन और फसल कटाई की तकनीक का प्रयोग करने के लिए किसानों की सहायता करने हेतु केन्द्र सरकार राज्यों सरकारों की भागीदारी से एक व्यापक पकैज प्रदान करेगी। राज्यों को अपने कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में संशोधन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वे प्राकृतिक, जीरो-बजट और ऑर्गेनिक कृषि, आधनिुक कृषि, मूल्य संवर्धनर्ध एवं प्रबंधन की जरूरतों को पूरा कर सकेे।