देहरादून। भारत समेत सऊदी, यूएई, नेपाल जैसे दुनियाभर के 9 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली चाय कैफे फ्रेंचाइजी द टी फैक्ट्री ने शनिवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अपनी 161वीं फ्रेंचाइजी की शुरुआत की है। मसूरी रोड, बगेल गांव में खुले इस नए चाय कैफे कांसेप्ट के साथ शहर के फ़ूड लवर्स की लिस्ट में एक और नाम शामिल हो गया है। वहीं इस नए आउटलेट के साथ द टी फैक्ट्री, पर्यटन की दृष्टि से मशहूर देहरादून में देसी-विदेशी सैलानियों के लिए एक नया बेंचमार्क सेट करने जा रहा है। जहां उन्हें रेडी टू ईट और फ्रेश फ़ूड एन्ड बेवरेज का लुफ्त उठाने का मौका मिलेगा। जम्मू, बैंगलोर, हरिद्वार, होशंगाबाद, भरूच, मोहाली, और बीकानेर जैसे शहरों के बाद अब देहरादून भी चाय का नया ट्रेंड देखने को मिलेगा।
इस नई फ्रेंचाइजी के शुभारम्भ के मौके पर द टी फैक्ट्री फाउंडर शशांक शर्मा ने कहा कि, हम पहाड़ों के बीच बसे इस ख़ूबसूरत शहर में अपनी पहली फ्रेंचाइजी खोलने को लेकर बेहद उत्सुक हैं। हमें ख़ुशी है कि देहरादून के निवासी और यहां आने वाले टूरिस्ट्स, हमारे द टी फैक्ट्री कांसेप्ट से रूबरू होकर एक नया अनुभव करेंगे। आने वाले समय में हमारा लक्ष्य कुल 500 आउटलेट्स तक पहुंचना है। देहरादून फ्रेंचाइजी प्रमुख निखिल चौधरी व पुलकित चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा कि, हमें भारत के सबसे सफलतम टी- कैफे ब्रांड से जुड़ने पर बेहद ख़ुशी महसूस हो रही है। बेशक शहरवासियों के साथ पर्यटकों, युवाओं के लिए भी यह एक जबरदस्त आकर्षण का केंद्र साबित होगा।
द टी फैक्ट्री को अपने कम निवेश से हाई रिटर्न वाले बिजनेस मॉडल के लिए जाना जाता है। वहीं फ्रेंचाइजी के मामले में यह दुनियाभर में सबसे किफायती दरों पर निवेश करने लिए प्रोत्साहित करने वाला एकमात्र टी-कैफे ब्रांड ब्रांड भी है। साल 2013 में फूड और बेवरेज इंडस्ट्री में कदम रखने के साथ द टी फैक्ट्री सबसे लोकप्रिय ब्रांड बन चुका है। जहां आप खूबसूरत और हेल्दी वातावरण के अंदर नार्मल चाय के साथ आइस टी और चॉकलेट टी जैसे चाय के कई सारे विकल्पों का आनंद तो ले ही सकते हैं, साथ ही पास्ता, मैगी, सैंडविच और पिज़्ज़ा जैसे लजीज व्यंजनों का लुफ्त भी उठा सकते हैं। इस पूरे कांसेप्ट को खास और अनोखा बनाने के लिए द टी फैक्ट्री, अपने ग्राहकों के लिए कुल्हड़ और मिट्टी के क्रॉकरी में चाय या भोजन आदि परोसने की व्यवस्था करता है। इस वजह से चाय और खाने दोनों का स्वाद दो गुना हो जाता है, जो इसकी लोकप्रियता का कारण भी है।