देहरादून। डीआईटी विश्वविद्यालय, देहरादून ने शैक्षणिक वर्ष 2021 में उत्तीर्ण होने वाले शैक्षणिक वर्ष के सफल छात्रों को डिग्री प्रदान करने के लिए शनिवार, 29 जनवरी, 2022 को अपना 5वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया। कोविड प्रतिबंधों के कारण दीक्षांत समारोह का आयोजन हाइब्रिड मोड में किया गया था। इस समारोह में विश्वविद्यालय के गणमान्य व्यक्ति, पीएचडी डिग्री प्राप्त कर्ता और पदक विजेता टॉपर्स अपने माता-पिता के साथ शामिल हुए। कोविड-19 की रोकथाम के लिए सरकारी नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए पर्याप्त सावधानी बरती गई। विश्वविद्यालय परिसर में कार्यक्रम में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेने वाले सभी लोगों ने इन प्रतिबंधों का पालन किया। सभी गणमान्य व्यक्तियों, पीएचडी डिग्री प्राप्त कर्ताओं और पदक विजेताओं व उनके अभिभावकों की उपस्थिति के साथ परिसर जीवंत दिखाई दिया। डॉ. सुरेंद्र पाल, पूर्व कुलपति-डीआईऐटी पुणे, वरिष्ठ सलाहकार उपग्रह नेविगेशन (इसरो), प्रोफेसर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एवं अध्यक्ष और प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, इसरो इस अवसर के मुख्य अतिथि थे। समारोह की शुरुआत अकादमिक सभागार में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुई, जिसके बाद कुलगीत गाया गया। माननीय कुलपति, प्रो. जी. रघुरामा ने स्वागत भाषण और डीआईटीयू की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और सभी पुरस्कार विजेताओं, स्नातक छात्रों, उनके माता-पिता और विश्वविद्यालय को अकादमिक उपलब्धियों के लिए बधाई दी। दीक्षांत समारोह स्मारिका का विमोचन डीआईटीयू के सभी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया। डीआईटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, एन रविशंकर ने सभी पीएचडी डिग्री धारकों एवं पदक विजेताओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर एक भूतपूर्व छात्र को विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा, उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल की ओर से, माननीय कुलाधिपति ने दीक्षांत समारोह का संदेश दिया और सभी पुरस्कार विजेताओं और डिग्री प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी। कुलाधिपति ने समारोह के मुख्य अतिथि डॉ सुरेंद्र पाल की शोध के क्षेत्र में अनगिनत उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उनका संक्षिप्त परिचय दिया। मुख्य अतिथि डॉ. सुरेंद्र पाल ने अपना संबोधन ऑनलाइन दिया और पुरस्कार विजेताओं और डिग्री प्राप्तकर्ताओं को उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रदान की गई डिग्री उनकी प्रतिबद्धता और स्मार्ट वर्क का परिणाम है। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने-अपने क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना चाहिए और अनुकरणीय तरीके से समाज और समुदाय की सेवा करनी चाहिए। इस अवसर पर स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी स्तरों पर विविध कार्यक्रमों में कुल 1488 डिग्री प्रदान की गईं जिनमे से 13 पीएचडी की उपाधियां थी। बैच 2017-21 के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र रीता गोस्वामी को विश्वविद्यालय के स्नातक कार्यक्रम की समग्र योग्यता में प्रथम स्थान पर रहने के लिए नवीन अग्रवाल मेमोरियल गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। उन्हें शिक्षाविदों, खेल, अनुसंधान, ऊष्मायन और उद्यमिता के क्षेत्र में उनकी समग्र भागीदारी और उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार मिला। बैच 2000-2004 (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग) के पूर्व छात्र पुनीत सिंह को अंतर्राष्ट्रीय मंच में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुनीत सिंह को कई प्रतिष्ठित फर्मों जैसे ईवाई, विप्रो टेक्नोलॉजीज, वॉलमार्ट, डेलॉइट आदि में व्यापक अनुभव है। वह वर्तमान में एन्क्रिप्शन कंसल्टिंग एलएलसी, लीडिंग एप्लाइड क्रिप्टोग्राफी सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट डलास, टेक्सास, यूनाइटेड स्टेट्स के संस्थापक हैं। स्वर्ण पदक विजेता राघव बहुगुणा द्वारा सभी डिग्री धारको को शपथ दिलाई गई, जिसके बाद अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स अनुज अग्रवाल ने विश्वविद्यालय स्क्रॉल पर हस्ताक्षर किए। डॉ. वंदना सुहाग, रजिस्ट्रार, डीआईटी विश्वविद्यालय ने सभी डिग्री धारको को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दी एवं साथ ही सभी अभिभावकों को विश्वविद्यालय पर विश्वास बनाये रखने के लिए उनका धन्यवाद् दिया। डॉ. वंदना सुहाग, रजिस्ट्रार, डीआईटी विश्वविद्यालय के धन्यवाद ज्ञापन के उपरांत दीक्षांत समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।