डाक्टर प्रकरण से विवाद में आए पंकज पाण्डेय से छीना स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग

Uttarakhand

देहरादून। प्रशासनिक फेरबदल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी सूझबूझ का परिचय दिया है। ब्यूरोक्रेसी में हुए इस बदलाव में काबिल अधिकारियों को अहम विभागों के दायित्व सौंपे गए हैं। यूं कहा जा सकता है कि परिणाम देने वाले रिजल्ट आरिऐंटेड अधिकारियों पर भरोसा जताया गया है। इन अधिकारियों में मीनाक्षी सुंदरम, अभिनव कुमार, शैलेश बगोली आदि शामिल हैं। साफ छवि की अधिकारी
राधा रतूड़ी और राधिका झा समेत तमाम अन्य महिला अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देकर उन्हें हैवीवेट किया गया है। मुख्यमंत्री सचिवालय राधा रतूड़ी संभालेंगी। इसके अलावा, जनभावनाओं के अनुरूप फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री धामी ने विवादित अधिकारी पंकज पाण्डेय से स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी छीन ली है। धामी की इस एक्सरसाइज से साफ है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस संकल्प पर चल रहे हैं जिसमें अगला दशक उत्तराखण्ड का होने की बात कही गई है।
लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी ने बीते 24 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। तकरीबन 25 दिनों की मशक्कत के बाद उन्होंने ब्यूरोक्रेसी में बड़ा फेरबदल किया है। आमतौर पर होता यह है कि मुख्यमंत्री शपथ लेने के एक दो दिन में ही प्रशासनिक फेरबदल करते हैं लेकिन धामी ने ऐसा नहीं किया। लम्बे सोच विचार के बाद बीते मंगलवार की देर रात उन्होंने 22 आईएएस अफसरों के दायित्व बदले, जिसमें अधिकारियों की छवि और कार्यप्रणाली जा विशेष ध्यान रखा गया। धामी ने उन अधिकारियों पर दांव खेला है जो अपने दायित्वों के निर्वहन में त्वरित परिणाम देने का मादा रखते हैं। ऐसे ही एक अधिकारी आर मीनाक्षी सुंदरम मुख्यमंत्री के सचिव की अहम जिम्मेदारी संभालेंगे। इसके अलावा उन्हें ऊर्जा, वैकल्पिक ऊर्जा, श्रम, वित्त का भी दायित्व सौंपा गया है। आईपीएस अफसर अभिनव कुमार पर भरोसा जताते हुए धामी ने उन्हें विशेष प्रमुख सचिव रैंक में प्रोन्नत कर दिया है। वह मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव का कामकाज देखेंगे। साथ ही सूचना, खेल और युवा कल्याण जैसे बेहद महत्वपूर्ण महकमे भी उन्हें ही सौंपे गए हैं। सबसे अहम बात यह है कि मुख्यमंत्री धामी ने अपने करीबी माने जाने वाले आरके सुधांशु से गृह विभाग वापस ले लिया गया है। हालांकि उन्हें वन पर्यावरण संरक्षण का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। एक बड़ा संदेश देते हुए धामी ने अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्धन से मुख्यमंत्री सचिवालय, वन पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन तथा आयुक्त अवस्थापना विकास का दायित्व हटाकर उनका बोझ हल्का किया है। महिला अफसरों को दायित्व आवंटन में खासी तवज्जो दी गई है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को मुख्यमंत्री साचिवालय और गृह एवं कारागार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। धामी चाहते हैं कि मुख्यमंत्री सचिवालय की कार्यसंस्कृति में बदलाव का संदेश पूरे प्रदेश में जाए, इसके लिए उन्होंने सादगी की मिसाल रही और साफ छवि की अधिकारी राधा रतूड़ी का चयन किया। इसी तरह मनीषा पंवार को अवस्थापना विकास आयुक्त एवं उत्तराखण्ड परिवहन निगम के अध्यक्ष का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। जबकि राधिका झा को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षए जैसे बेहद अहम विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ईमानदार छवि के अधिकारी शैलेश बगोली को कृषि एवं कृषक कल्याण और उच्च शिक्षा विभाग देखने होंगे। डाक्टर के साथ विवाद से चर्चा में आए पंकज पाण्डेय अब तक इस विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। पाण्डेय को औद्योगिक विकास और खनन विभाग का दायित्व दिया गया है। दरअसल, धामी जानते हैं कि उनके पास आईएएस अधिकारियों को लेकर विकल्प बहुत सीमित हैं। लिहाजा उन्होंने रिजल्ट ओरिएंटेशन को आधार बनाकर दायित्यों को आवंटन किया है। उत्तराखण्ड में आईएएस कैडर के 120 पद हैं जबकि मौजूदा समय में राज्य में 100 से कम आईएएस अधिकारी तैनात हैं।

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