जीएनआईओटी संस्थान समूह ने मेधावी छात्रों और कोविड मृतक आश्रितों के लिए शुरु की छात्रवृत्ति

Uttarakhand

देहरादून । मेधावी छात्रों की बौद्धिक प्रतिभा को पहचानते हुए, प्रबंधन इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के लिए पहली पसंद के संस्थान, जीएनआईओटी संस्थान समूह, ग्रेटर नोएडा ने 12 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति की घोषणा की है। इस छात्रवृत्ति में सरकार ने बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान को ध्यान में रखते हुए छात्राओं के लिए जिम्स शक्ति और सामाजिक कर्त्तव्यों को ध्यान में रखते हुए मृतक आश्रित छात्रवृत्ति, सशत्र सेना पाल्य छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है।  जीएनआईओटी संस्थान समूह का मानना है कि आर्थिक विपन्नता एक होनहार छात्र के लिए रोड़ा नहीं होना चाहिए। संस्थान का यह भी मानना है कि उत्तराखंड की बौद्धिक प्रतिभा को उच्च शिक्षा के लिए समान अवसर दिया जाना चाहिए।

जीएनआईओटी का छात्रवृत्ति कार्यक्रम इस दिशा में सबसे व्यापक कार्यक्रमों में से एक है। संस्थान विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रमों जैसे पीजीडीएम, एमबीए, एमसीए, बीटेक, एमटेक, बीबीए, बीसीए, बीकॉम, बीकॉम (आनर्स), बीएससी कंप्यूटर साइंस में छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए छात्रों से आवेदन आमंत्रित कर रहा है। बी.टेक कार्यक्रमों में प्रवेश चाहने वाले छात्रों को 12वीं कक्षा और जेईई-मेन में उनके प्रदर्शन के आधार पर छात्रवृत्ति की पेशकश की जा रही है। पीजीडीएम और एमबीए में प्रवेश चाहने वालों के लिए, छात्रों को स्नातक और कैट, मैट, जैट, गैट आदि में उनके प्रदर्शन के आधार पर छात्रवृत्ति की पेशकश की जा रही है। जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज द्वारा संचालित पीजीडीएम कोर्स, जीएनआईओटी संस्थान समूह का एक फ्लैगशिप प्रोग्राम है, जो इस सहस्राब्दी के समग्र विकास पर केंद्रित है। इंडस्ट्री 4 की तर्ज पर इस कार्यक्रम को पीजीडीएम 4 नाम दिया गया है। कार्यक्रम का नाम ही पाठ्यक्रम के बारे में बहुत कुछ बताता है, इस कोर्स में 10 से अधिक कौशल विकास प्रशिक्षण एवं प्रमाणन, गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम और चाणक्य टॉक् सीरिज कुछ मुख्य आधार हैं। देहरादून में सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक डा. अरूण कुमार सिंह ने कहा कि गुणवत्ता पर ध्यान देना शुरु से ही जीएनआईओटी समूह की पहचान रही है। शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर सर्वोत्तम प्रयासों को आधार मानकर पाठ्यक्रम आधारित संस्थान ही लंबे समय तक जीवित रहेंगे। डा. सिंह ने इंडस्ट्री 4 पर आधारित पीजीडीएम 4 पर जोर देते हुए कहा कि संस्थान अपने छात्रों को इंटर्नशिप और प्रशिक्षण के माध्यम से उपयुक्त कौशल और व्यवहारिक अनुभव देकर तैयार करता है। जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के सीईओ स्वदेश सिंह ने कहा कि उत्तराखंड के छात्रों को उच्च अध्ययन के लिए समान अवसर दिया जाना चाहिए वे जीएनआईओटी में उच्च प्राथमिकता पर हैं। परिसर के संबंध में चर्चा के दौरान श्री ने कहा कि संस्थान में अध्याधुनिक प्रयोगशालाएं हैं। उन्होंने इस छात्रवृत्ति की पहल पर जोर दिया जो उत्तराखंड की बौद्धिक प्रतिभ के लिए बहुत मददगार साबित होने वाली है। जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ के चेयरमैन राजेश कुमार गुप्ता ने हा कि प्रतिभाशाली छात्रों के लिए पैसा एक रोड ब्लॉक नहीं होना चाहिए। हम मेधावी छात्रों, सशस्त्र बलों के बच्चों और कोविड मृतक आश्रितों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों और क्षमता के आधार पर विभिन्न छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं ताकि यह सनिश्चित हो सके कि प्रत्येक योग्य छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।       

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