देहरादून। राज्य आंदोलनकारी बलिदानी राजेश रावत पर की गई कांग्रेस पार्षद मीना बिष्ट की अभद्र एवं आपत्तिजनक टिप्पणीं का मामला तूल पकड़ चुका है। राज्य आंदोलनकारियों के साथ ही नगर निगम कर्मचारी भी संबंधित पार्षद की खिलाफत में उतर आए हैं। आंदोनलकारियों व निगम कर्मचारियों ने महापौर से मिलकर पार्षद मीना बिष्ट को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने महापौर से निगम बोर्ड का विशेष सत्र बुला बर्खास्तगी पर फैसला लेने की मांग की।
महापौर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि वह विधिक परामर्श ले रहे हैं। नगर निगम देहरादून की सोमवार को हुई बोर्ड बैठक में चंदर रोड नई बस्ती का नाम राज्य आंदोलनकारी बलिदानी राजेश रावत के नाम पर करने के प्रस्ताव का विरोध कर रहीं कांग्रेस पार्षद मीना बिष्ट ने स्व. रावत को पत्थरबाज कहा था। मीना ने कहा कि वह स्व. रावत को आंदोलनकारी मानती ही नहीं। इस दौरान उन्होंने आतंकवादी तक से स्व. रावत की तुलना कर दी। मामला गरमा गया और बैठक में जमकर हंगामा हुआ तो पार्षद बैठक छोड़कर चली गईं। साढ़े चार घंटे बाद पार्षद ने लिखित में माफी मांग ली थी लेकिन मामला तूल पकड़ चुका है। इसे गंभीरता से लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने मंगलवार को ही पार्षद को कांग्रेस की सदस्यता से निलंबित कर दिया था और तीन दिन में जवाब मांगा था। ऐसा न करने पर निष्कासन की चेतावनी दी गई। प्रदेश अध्यक्ष माहरा व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य आंदोलनकारियों व प्रदेश की जनता से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। इधर, राज्य आंदोलनकारियों का आक्रोश शांत होने का नाम नहीं ले रहा। बुधवार को राज्य आंदोलनकारी संगठन के पदाधिकारी जगमोहन सिंह नेगी के नेतृत्व में महापौर से मिले और पार्षद को निगम बोर्ड से बर्खास्त करने की मांग रखी। वहीं, यही मांग लेकर नगर निगम कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने भी महापौर से मुलाकात कर पत्र दिया। निगम कर्मचारियों ने कहा कि जिस निगम के महापौर, कुछ पार्षद व कर्मचारी राज्य आंदोलनकारियोें हों, वहां पार्षद की तरफ से ऐसी हरकत करना, निंदनीय है।