देहरादून। भारत में रोज़ाना हज़ारों टन कूड़ा लैण्डफिल्स, नदियों और समुद्रों में डाला जाता है। हालांकि देश में अपशिष्ट प्रबन्धन के लिए कई सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं, किंतु नागरिकों की ओर से सामुहिक प्रयासों की बात करें तो इस दिशा में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। इसी के मद्देनज़र हिंदुस्तान युनिलिवर लिमिटेड (एचयूएल) ने एक कैंपेन का लॉन्च किया है, जो लोगों को अपने घरों में कूड़ा अलग करने का संदेश देता है और सुनिश्चित करता है कि यह कूड़ा पर्यावरण में जाने के बजाए सर्कुलर इकोनोमी में जाकर समा जाए।
अभियान के बारे में बात करते हुए संजीव मेहता, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, हिंदुस्तान युनिलिवर लिमिटेड ने कहा, ‘‘कूड़े को अलग करने की आवश्यकता आज से जितनी गंभीर पहले कभी न थी। एचयूएल में हमने इस संदर्भ में अपनी भूमिका को पहचाना और हम सरकार एवं एजेन्सियों के साथ मिलकर इस दिशा में सकारात्मक प्रभाव लाने के लिए काम कर रहे हैं। हम समुदायों को स्वच्छता एवं ज़ीरो-वेस्ट सर्कुलर इकोनोमी के लक्ष्य हासिल करने के लिए सशक्त बनाते हैं। समाज में इस बदलाव को लाने में बच्चे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हमारा मानना है कि बालनायक के साथ हमारा यह नया अभियान आम नागरिकों को एकजुट होकर हरित एवं अपशिष्ट से रहित कल के निर्माण के लिए प्रेरित करेगा।’
इस अभियान ‘बिन बॉय’ को एक बालनायक ‘अप्पू’ के साथ पेश किया गया है जो आम नागरिकों को अपने व्यवहार में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है, उनसे अपील करता है कि अपने घर से निकलने वाले कूड़े को पूरी ज़िम्मेदारी के साथ घर में या रिहायशी सोसाइटियों में ही अलग करें। प्रेरणादायी एवं विचारोत्तेजक शब्दों में यह अभियान संदेश देता है कि हर तरह के कूड़े को मिलाना पर्यावरण के लिए कितना गंभीर हो सकता है। ऐसे में इस दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाना समय की मांग है।
एचयूएल ने प्लास्टिक अपशिष्ट के 100 फीसदी संग्रह को सुनिश्चित किया है। कंपनी ने अपने कलेक्शन पार्टनर्स की मदद से देश के 160 स्थानों से 1.1 लाख टन से अधिक प्लास्टिक व्यर्थ इकट्ठा कर इसका सुरक्षित निपटान किया है। इन स्थानों में बड़े शहरों से लेकर छोटे नगर और ग्राम पंचायतें तक शामिल हैं। इन पार्टनर्स में युनाईटेड नेशन्स डेवलपमेन्ट प्रोग्राम, ज़ायन्टियो, नगर निगम तथा अन्य साझेदार जैसे साहस ज़ीरो वेस्ट, डालमिया पॉलीप्रो, रीसर्कल, रीसायकल, ग्रीन वर्म्स, रैमकी, पेपरमैन शामिल हैं।
एचयूएल ने मुंबई में आधुनिक अपशिष्ट प्रबन्धन परियोजना के लिए युनाईटेड नेशन्स डेवलपमेन्ट प्रोगा्रम (यूएनडीपी) के साथ साझेदारी की है, इस परियोजना में अपशिष्ट के पृथक्करण से लेकर रीसायक्लिंग एवं लोगों के व्यवहार में बदलाव तक सभी पहलु शामिल हैं। एचयूएल ने प्लास्टिक वेस्ट मटीरियल रिकवरी मॉडल एवं वेस्ट रिकवरी सेंटरों की स्थापना द्वारा मुंबई के चार वार्ड्स में 86,000 से अधिक परिवारों पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न किया है।इसके अलावा, एचयूएल 3000 से अधिक सफाई कर्मचारियों (कूड़ा बीनने वालों) और उनके परिवारों के जीवन में सुधार लाने के लिए भी तत्पर है। जिन्हें सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत भोजन, स्वास्थ्य, सुरक्षा तथा प्रोजेक्ट उत्थान के माध्यम से वित्तीय समावेशन भी उपलब्ध कराती है। एचयूएल ने ज़ायन्टो के सहयोग से बच्चों और समुदायों के व्यवहार में बदलाव लाने के लिए एक डिजिटल पाठ्यक्रम ‘वेस्ट नो मोर’ भी तैयार किया है, जिसे 3 लाख से अधिक छात्रों तक पहुंचाया गया है। अपशिष्ट प्रबन्धन हम सभी की ज़िम्मेदारी है, हमारे लोगां और धरती के लिए बेहतर भविष्य बनाने हेतु हम सभी को सक्रिय भूमिका निभानी होगी।