देहरादून। नीट-यूजी काउंसलिंग में मूल निवास संबंधित गलत दस्तावेज प्रस्तुत करने पर एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय ने पांच अभ्यर्थियों को नोटिस जारी किया है। जिसका जवाब उन्हें बुधवार तक देना होगा। जवाब आने के बाद विवि प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा। बता दें, कुछ अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश की स्टेट काउंसलिंग में वहां का और उत्तराखंड का मूल निवास प्रमाण पत्र लगाया है। विवि ने इन अभ्यर्थियों को सीट आवंटित कर दी थी, पर शिकायत मिलने पर अलाटमेंट लेटर रोक दिया था। शासन से इस मामले में दिशा-निर्देश मांगे थे।
राज्य के सरकारी व निजी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस व बीडीएस के दाखिले को एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय आनलाइन काउंसलिंग करा रहा है। फिलवक्त द्वितीय चरण की काउंसलिंग चल रही है। प्रथम चरण में पांच अभ्यर्थी मूल निवास संबंधित गलत दस्तावेज के आधार पर काउंसलिंग में शामिल हुए। विवि स्तर पर की गई पड़ताल में पता चला कि इन अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश की स्टेट काउंसलिंग में वहां का और यहां उत्तराखंड का मूल निवास प्रमाण पत्र लगाया है। मूल निवास के आधार पर ही आरक्षण का लाभ भी मांगा है।
विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल के अनुसार, ऐसे पांच मामले सामने आए हैं। जिस पर अभ्यर्थियों का अलाटमेंट लेटर रोक शासन से मार्गदर्शन मांगा गया था। शासन से प्राप्त निर्देशों के आधार पर अब इन सभी अभ्यर्थियों से जवाब तलब किया गया है। किसी एक व्यक्ति के पास दो अलग राज्यों का मूल निवास प्रमाण पत्र होना मुमकिन नहीं है। जाहिर है कि इनमें कोई एक प्रमाण पत्र फर्जी है। अभ्यर्थियों को इस पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर ना केवल सीट आवंटन रद कर दिया जाएगा, बल्कि आवश्यकतानुसार वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी।