देहरादून। इफको के राज्य विपणन प्रबन्धक राकेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा डा. रेनू सिंह, निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून से शिष्टाचार भेंट की तथा उनको यह बताया की इफको द्वारा नीम के आनुवांशिक सुधार मंे एफआरआई की आर्थिक मदद की गयी जिससे नीम की 6 नई प्रजाति तैयार की गयी। इन नई प्रजातियों मंे दो से तीन साल में फूलने एवं फलने की अद्भुत क्षमता है जो कि सामान्य नीम मे 5 से 6 वर्ष पायी जाती है।
इसके अतिरिक्त नई प्रजातियों मे तेल एवं रासायनिक उत्पात की मात्रा भी सामान्य नीम से लगभग दो गुनी अधिक पायी जाती है। यह अनुसंधान एफआरआई के आनुवांशिक एवं वृक्ष सुधार प्रभाग मे डॉ अशोक कुमार, वैज्ञानिक जी की देख रेख मे कार्यान्वित किया गया। निदेशक को इफको द्वारा विश्व में पहली बार उत्पादित नैंनो यूरिया तरल के विषय में भी विस्तृत जानकारी दी गई तथा यह भी बताया गया कि नैनो यूरिया तरल किसानों के लिये वरदान से कम नहीं है, जिससे निदेशक बहुत ही प्रभावित हुईं। इस उत्पाद के प्रयोग से उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ भूमि, जल तथा वायु का प्रदूषित न होना तथा भारत सरकार की करोड़ों रूपये की सब्सिडी के रूप में बचत होना काफी महत्वपूर्ण चरण माना जा रहा है। देश के किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के साथ-साथ देश की प्रगति में नैनो यूरिया तरल मील का पत्थर साबित होगा।