पहली बार मतदाता बने युवाओं पर ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा का लेख

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खिलाड़ी अपने समर्पण, दृढ़ता और टीम भावना के माध्यम से देश की सेवा करते हैं। चाहे घरेलू मैदान हो या विदेशी, देश की जर्सी पहनना एक विशेषाधिकार और जिम्मेदारी दोनों है। लेकिन दुनिया के सबसे जीवंत लोकतंत्र के एक अभिन्न अंग के रूप में हम खिलाड़ी और युवा भारतीय एक और विशेषाधिकार की आकांक्षा करते हैं- वह है मतदान।

चुनाव लोकतंत्र का आधार होता हैं, जो नागरिकों को अपने प्रतिनिधियों को चुनने का महत्वपूर्ण अधिकार देता है। हालांकि, यह अधिकार निष्क्रिय नहीं है; चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होना एक कर्तव्य है, विशेषकर युवाओं का। ऐतिहासिक रूप से, युवाओं ने सामाजिक परिवर्तन का नेतृत्व किया है और चुनावों में उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण है। लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए, मतदाता पंजीकरण से लेकर जमीनी स्तर पर प्रचार अभियान तक के प्रत्येक चरण में युवाओं की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता होती है।

पहली बार के मतदाता नए दृष्टिकोण के साथ पारदर्शिता और समावेश जैसे आदर्श लेकर आते हैं। एक युवा मतदाता की ऊर्जा और तकनीक-प्रेमी प्रकृति, चुनावी परिदृश्य को जीवंत बनाती है तथा नागरिकों की जरूरतों के अनुरूप पहुंच और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देती है। युवा निर्वाचित प्रतिनिधियों को जवाबदेह बनाने एवं जनता से जुड़े मुद्दों का समर्थन करने व आवाज उठाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं तथा इस प्रकार लोकतंत्र के महत्व और इसके प्रति निष्ठा की रक्षा करते हैं।

महात्मा गांधी के शब्दों में, “भविष्य इस पर निर्भर करता है कि आप आज क्या करते हैं।” लोकतंत्र का पहिया एक बार फिर से घूम रहा है, भारत में आम चुनाव, 2024 की तैयारी चल रही है, ऐसे में राष्ट्र के भाग्य को स्वरूप देने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया जाना जरूरी है। 
                              
अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘‘मन की बात‘‘ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी प्रक्रिया में युवाओं की सहभागिता के महत्व पर जोर दिया और पहली बार मतदाता बने युवाओं के लिए लक्षित निर्वाचन आयोग के ‘‘मेरा पहला वोट देश के लिए” अभियान के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने भारत के युवाओं के जोश और उत्साह की सराहना की तथा उनसे सक्रिय रूप से मतदान में भाग लेने की अपील की क्योंकि देश के भविष्य पर इसका प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।
पहली बार मतदाता बने युवाओं से रिकॉर्ड संख्या में भाग लेने की अपील करते हुए, उन्होंने देश की नियति को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विभिन्न सेक्टरों से जुड़े प्रभावशाली लोगों से अभियान में शामिल होने तथा सामाजिक बदलाव को प्रेरित करने में उनकी प्रभावी भूमिका को स्वीकार करते हुए युवा मतदाताओं को प्रोत्साहित करने की अपील की। चुनावी माहौल के बीच, उन्होंने युवाओं से न केवल राजनीतिक कार्यकलापों में भाग लेने का आग्रह किया बल्कि वर्तमान में जारी चर्चाओं और बहसों के बारे में भी जानकारी रखने की अपील की।
भारतीय निर्वाचन आयोग चुनावों में युवाओं की सार्वजनिक प्रबुद्ध सहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘‘मेरा पहला वोट देश के लिए” अभियान चला रहा है। केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने अभियान गीत लॉन्च किया जो युवा मतदाताओं को उनके लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने की देश की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह अभियान गीत मतदाता जागरूकता अभियान का एक हिस्सा है जो चुनावी प्रक्रिया में युवाओं की अधिक से अधिक भागीदारी के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी की अपील की भावना का प्रतीक है। देश भर के युवा इस अभियान गीत को अपने युवा मित्रों को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करने के आह्वान के रूप में अपना रहे हैं।
इस पहल के तहत उच्च शिक्षा संस्थान (एचईआई) देश भर में मतदाता जागरूकता कार्यकलापों का आयोजन कर रहे हैं और अधिक प्रतिनिधि लोकतंत्र के लिए मतदान करने के मूल्य पर जोर दे रहे हैं। जहां उच्च शिक्षा संस्थान वास्तविक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं, ऑनलाइन प्रतियोगिताएं भी माईगव प्लेटफॉर्म पर आयोजित की जा रही हैं जिनमें ब्लॉग लेखन, पॉडकास्ट, वाद-विवाद आदि का आयोजन किया जा रहा है जिससे कि कंटेंट सृजन में रचनात्मकता को प्रोत्साहित किया जा सके। कार्यशालाएं, संगोष्ठियां, फ्लैश मौब्स तथा मतदाता संकल्प अभियान छात्रों को चुनावी प्रक्रिया की तरफ और अधिक आकर्षित कर रहे हैं तथा इन्हें इसके बारे में शिक्षित कर रहे हैं जिसमें एनएसएस स्वयंसेवक तथा संस्थान के क्लब सक्रिय रूप से अभियान में हिस्सा ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री की अपील के जवाब में, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और मनोरंजन उद्योग सहित विभिन्न प्लेटफार्मों के प्रभावशाली लोग सक्रिय रूप से इस अभियान का समर्थन कर रहे हैं और पहली बार मतदाता बने युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं। देश के कोने-कोने से खेल, मनोरंजन, व्यापार और उद्योग जैसे क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ने वाले प्रमुख नाम इस संदेश को दूर-दूर तक फैलाने के लिए एक साथ आए हैं।
इस अभियान में जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद सिराज, अवनि लेखारा, सैखोम मीराबाई चानू जैसे मेरे साथी खिलाड़ी और अनिल कपूर, प्रोसेनजीत चटर्जी, रवीना टंडन, राणा डूग्गुबाती, कैलाश खेर, श्रेया घोषाल जैसी फिल्मी हस्तियां व रितेश अग्रवाल, बी. वी. आर. मोहन रेड्डी जैसे उद्योग जगत के अगुआ और कई पद्म पुरस्कार विजेताओं ने भाग लिया है, जिससे यह अभियान मतदाता जागरूकता का एक ‘राष्ट्रीय आंदोलन’ बन गया है।
यह ‘जन आंदोलन’ युवाओं की आवाज की सामूहिक शक्ति और देश के लोकतांत्रिक परिदृश्य को आकार देने में उनकी सक्रिय भागीदारी के महत्व को रेखांकित करता है। आइए हम इस जिम्मेदारी को उठाने और अपनी सामूहिक आवाज की ताकत का उत्सव मनाने के लिए एकजुट हों। आइए हम इस चुनौती को स्वीकार करें, आइए हम अपनी आवाज उठायें और आइए हम दूसरों को भी ऐसा करने के लिए सशक्त बनायें।
एक एथलीट के रूप में, हम ट्रैक और फील्ड के चैंपियन हैं; लेकिन एक युवा के रूप में, हम ‘परिवर्तन के वाहक’ हैं। लोकतंत्र के खेल में, हर वोट का महत्व होता है और हर आवाज़ मायने रखती है।

नीरज चोपड़ा, भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट तथा पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा के मौजूदा ओलंपिक एवं विश्व चैंपियन हैं। ये उनके व्यक्तिगत विचार हैं।

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