नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022-23 के लिए रक्षा क्षेत्र को कुल 5.25 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है। ये पिछले वर्ष के मुकाबले करीब दस फीसद अधिक है। इस बार सरकार का जोर मेक इन इंडिया पर अधिक है। मौजूदा रक्षा बजट की तुलना यदि पूर्व के कुछ वर्षों से करें तो हर बार की तरह इस बार भी इस क्षेत्र में बजट अधिक आया है। वर्ष 2017-18 का रक्षा बजट 2.74 करोड़ रुपये था। वहीं 2019-20 में रक्षा बजट के लिए 3.05 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव रखा गया था। इसी तरह से वर्ष 2020-21 में रक्षा क्षेत्र के लिए 471378 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था।
अब एक नजर डालते हैं भारत के पड़ोसी देशों के रक्षा बजट पर:-
पाकिस्तान सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिये जो बजट पेश किया था उसमें रक्षा बजट के लिए 1,37,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था जो वर्ष 2020-21 में आवंटित रक्षा बजट से करीब 8,100 करोड़ रुपये अधिक था। वर्ष 2020-21 में पाकिस्तान का रक्षा बजट 1,28,900 करोड़ रुपये का था।
चीन के रक्षा बजट की बात करें तो ये भारत के मुकाबले करीब तीन गुना अधिक है। वर्ष 2021-22 के लिए चीन ने अपना रक्षा बजट 209 अरब डालर (1350 चीनी युआन) रखा था , जो कि वर्ष 2020-21 में आवंटित रक्षा बजट से करीब सात फीसद तक अधिक था। उस वक्त रक्षा क्षेत्र के लिए 196.44 अरब डालर आवंटित किए गए थे। आपको बता दें कि चीन बीते छह वर्षों से लगातार अपने रक्षा बजट में इजाफा कर रहा है।
अमेरिका का रक्षा बजट करीब 740.5 अरब डालर का है। गौरतलब है कि अमेरिका के बाद चीन ही रक्षा क्षेत्र पर सबसे अधिक खर्च करता है। चीन ने पिछले वर्ष अपने बजट में जवानों के वेतन में करीब 40 फीसद तक का इजाफा किया था। इसके अलावा वर्ष 2027 तक अपनी सेनाओं के आधुनिकीकरण की भी उसकी योजना है।