ऋषिकेश: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता बच्चीराम कंसवाल ऋषिकेश के मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद गंगा तट पर पंचतत्व में विलीन हो गए। सैकड़ों नागरिकों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
लंबे समय तक सामाजिक सरोकारों के प्रति सक्रिय रहे बचीराम कंसवाल का बुधवार को निधन हो गया था। गुरुवार को उनकी अंतिम यात्रा देहरादून से मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद घाट पहुंची।
पूर्णानंद घाट पर कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव राजेंद्र नेगी व अन्य कार्यकर्ताओं ने उनके पार्थिव शरीर पर पार्टी का झंडा चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके जेष्ठ पुत्र डा. मदन कंसवाल व कनिष्ठ पुत्र प्रमोद कंसवाल ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान बड़ी संख्या में राजनीतिक तथा सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय, ओम गोपाल रावत, जोत सिंह बिष्ट, पूर्व ब्लाक प्रमुख नरेंद्र नगर वीरेंद्र कंडारी, इंद्रेश मैखुरी, कमलेश खंतवाल, धर्मानंद लखेड़ा, कम्युनिस्ट पार्टी के मंडल सचिव सुरेंद्र सिंह सजवाण, शिवप्रसाद देवली, राजेंद्र पुरोहित, सतीश धौलाखंडी, कमरुद्दीन आदि ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इतिहासकार महिपाल नेगी ने बताया कि बच्चीराम कंसवाल टिहरी- उत्तरकाशी रोड पर बसे गांव मरोड़ा के निवासी थे। 1960 के दशक में कंसवाल वामपंथी आंदोलन में शामिल हो गए थे। 1970 में उनकी शिक्षा विभाग में नौकरी लग गई थी, लेकिन कुछ साल शिक्षक की नौकरी करने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ उत्तर प्रदेश विधान परिषद (शिक्षक स्नातक सीट) का चुनाव भी लड़ा था। उस समय वह मात्र 27 वोट से चुनाव हार गए थे। कंसवाल से टिहरी में हर राजनीतिक दल के नेता प्रभावित थे। वह 1964 से आजीवन सीपीएम में सक्रिय रहे और कई आंदोलनों में उनकी अहम भूमिका रही। सीपीएम में वह टिहरी जिला सचिव के बाद उत्तराखंड सचिव मंडल के सदस्य भी रहे। पिछले कुछ सालों के दौरान वह पत्रकारिता में भी सक्रिय रहे थे।