उदारवादी व्यक्तित्व के धनी थे डॉ. गिरीजाशंकर त्रिवेदी : वी के माहेश्वरी

Uttarakhand

देहरादून। डा. गिरिजा शंकर त्रिवेदी निस्पृह विचारधारा के चिंतक कवि, पत्रकार एवम साहित्यकार थे। वे उदारवादी व्यक्तित्व के धनी थे। उक्त विचार आज स्थानीय प्रीतम रोड स्तिथ डा. निशंक जी के स्थानीय कार्यालय के सभागार में नवोदित प्रवाह द्वारा आयोजित कीर्तिशेष डा. गिरिजा शंकर त्रिवेदी जन्म जयंती समारोह में मुख्य अतिथि पद से वी के महेश्वरी, सेवा निवृत्त रजिस्ट्रार जनरल उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने व्यक्त किए। उन्होंने इस अवसर पर डा. त्रिवेदी जी साथ बिताए कई संस्मरण साझा किए। कार्यकम में अध्यक्षता करते हुए वयोवृद्ध साहित्यकार व कवि डा. असीम शुक्ल ने कहा कि डा. त्रिवेदी जी वर्तमान युग के प्रवर्तक, डा. गया प्रसाद शुक्ल के समकक्ष कवि थे। विभिन्न भाषाओं की कविताओं का हिंदी अनुवादक के रूप में उनकी महत्वपूर्ण पहचान थी। वे एक सरल हृदय के बहुमुखी कवि एवम पत्रकार थे।

वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि डा. विनय सिंह ने कहा कि देशभर में देहरादून की पहचान डा. त्रिवेदी जी के नाम से जानी जाती है। वे कई भाषाओं के ज्ञाता थे। उनका काव्य संसार दिग्भ्रमित, मूल्य हीनता, अनेतिकता, असंस्कृकता, व अश्लीलता की फसल नहीं उगाता। वे एक मार्गदर्शक के रूप में कवियों के सामने आते हैं। वरिष्ठ समाजसेवी राकेश ओबराय ने कहा उनकी लेखनी के हर कोई दीवाने थे। वे साहित्यिक पत्रकारिता के जनक थे। वे पत्रकारिता के व्यवसायिक करण से काफी व्यथित रहते थे।

पूर्व कुलपति डा. सुधा पांडेय ने भी उनके कई संस्मरण साझा करते हुए डा. त्रिवेदी जी का साहित्यक सृजन का क्षेत्र बहुत व्यापक रहा है। वहीं पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका योगदान महत्वपूर्ण है। वे बहुत ही नेकदिल, कर्तव्यनिष्ठ, अनुशासनप्रिय व मिलनसार व्यक्ति थे। उनके साहित्यिक सेवाओं को भुलाया नही जा सकता। कुलबीर कौर चीनी द्वारा उनकी रचनाओं का सस्वर काव्य पाठ किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ रामप्रताप मिश्र “साकेती” द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुआ। मंच पर उपस्थित मुख्य अतिथियों द्वारा डा. त्रिवेदी जी के चित्र पर माल्यार्पण व दिपार्चन किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ कवयित्री डॉली डबराल ने किया।
इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी और डॉ बुद्धिनाथ मिश्र के संदेश भी पढ़े गए। अंत में कार्यक्रम के आयोजक, डा. त्रिवेदी जी के सुपुत्र एवम नवोदित प्रवाह साप्ताहिक के संपादक रजनीश त्रिवेदी ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर नगर के डॉ सविता मोहन, ज्ञानेंद्र कुमार, अनंतमणि त्रिवेदी, नीता कुकरेती, चन्दन नेगी, उषा झा, तापस चक्रवर्ती, हेमवतीनंदन कुकरेती, शिवमोहन सिंह, जसवीर हलधर, शकुंतला वर्मा, विजय स्नेही, राम प्रताप मिश्र साकेती, वरिष्ठ पत्रकार डा. वी डी शर्मा, चंदन सिंह नेगी, बैचेन कंडियाल आदि कवि, साहित्यकार, पत्रकार व समाजसेवी भारी संख्या में उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *